सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) के संयोजक प्रतीक हजेला को असम से प्रतिनियुक्ति पर मध्यप्रदेश भेजा है। कोर्ट ने केंद्र को हजेला के ट्रांसफर का कारण नहीं बताया। हालांकि, न्यूज एजेंसी का दावा है कि हजेला की जान को खतरा था। इसलिए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस फाली नरीमन की बेंच ने केंद्र को उनका कैडर बदलने के निर्देश दे दिए।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से पूछा कि क्या हजेला के ट्रांसफर की कोई वजह है, इस पर सीजेआई गोगोई ने कहा कि क्या कोई आदेश बिना वजह के हो सकता है। हालांकि, उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया।
हजेला सितंबर 2013 से असम में एनआरसी कोऑर्डिनेटर पद पर थे। उन पर एक ऐसा सिस्टम तैयार करने की जिम्मेदारी थी, जिससे देश के नागरिकों की पहचान कर उनके नाम एनआरसी में शामिल किए जाएं। 31 अगस्त को आई अंतिम एनआरसी लिस्ट में आवेदन करने वाले कुल 3,30,27,661 में से 3,11,21,004 को भारत के नागरिक का दर्जा दिया गया था। 19,06,657 लोगों के नाम लिस्ट से बाहर कर दिए गए थे। इसके बाद से ही एनआरसी पर विवाद पैदा हो गया था। कई लोगों का कहना था कि सही दस्तावेज होने के बावजूद अधिकारियों ने उन्हें लिस्ट में शामिल नहीं किया। हजेला पर असम पुलिस ने पिछले ही महीने दो मामले दर्ज किए थे। हजेला पर आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से नागरिकों के नाम एनआरसी से बाहर कर दिए।